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Showing posts from November, 2024

Lomadi aur anguro ki kahani

 लोमड़ी और अंगूरों की कहानी एक दिन एक भूखी लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। वह बहुत दूर से अंगूरों की बेल देखी, जिनमें स्वादिष्ट अंगूर लटके हुए थे। अंगूरों को देखकर उसकी जुबान तर हो गई और उसने सोचा, "आज इन अंगूरों का स्वाद लूंगी।" लोमड़ी अंगूरों के पास पहुंची और उन्हें खाने के लिए कूदने लगी, लेकिन अंगूर बहुत ऊँचाई पर थे। वह बार-बार कूदी, लेकिन हर बार अंगूर से कुछ इंच नीचे ही रह जाती। कई बार कोशिश करने के बाद भी लोमड़ी उन तक नहीं पहुँच पाई। अंत में थक-हार कर लोमड़ी ने कहा, "ये अंगूर तो खट्टे होंगे। अगर मुझे मिल जाते, तो भी मैं नहीं खाती।" फिर वह मुंह मोड़कर वहां से चल दी। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम किसी चीज़ को हासिल नहीं कर पाते, तो हम अक्सर उसका मूल्य घटा देते हैं। यही इंसान की आदत होती है, जो कभी अपनी असफलता को स्वीकार नहीं करता और अपनी नाकामी को छुपाने के लिए चीज़ों को नकारता है।

Fuuny story

एक गांव में एक आदमी था, जिसका नाम रामू था। रामू को हर चीज़ में एक नया तरीका अपनाने की आदत थी। एक दिन उसने सोचा, "क्यों न मैं कुछ नया करूं और गांववालों को हंसी मजाक का तोहफा दूं?" फिर उसने तय किया कि वह अपने बकरियों को गाय बना देगा। रामू ने अपनी सबसे चतुर बकरी, बिल्लो को गाय बनाने का फैसला किया। उसने बिल्लो के शरीर पर गाय के झाग वाले रंग लगाए, और उसके सिर पर एक बड़ी सी घंटी बांध दी। फिर उसने बिल्लो को घास खाने के लिए गांव के मैदान में छोड़ दिया। गांव वाले जब सुबह-सुबह बाहर आए, तो उन्हें बिल्लो गाय के जैसे दिखी। वे सब हैरान होकर कहने लगे, "ये तो गाय है, पर इतनी छोटी क्यों है?" एक महिला बोली, "क्या ये किसी नए किस्म की गाय है?" रामू, जो इस मज़े के लिए खड़ा था, धीरे-धीरे बोला, "ये नई नस्ल की गाय है, जो बकरियों से पैदा होती है!" सभी लोग हंसी से लोटपोट हो गए। अब गांव में लोग रामू को 'गाय-बकरा' के नाम से पुकारने लगे। रामू की ये शरारत सबको बहुत पसंद आई, और वह दिन भर हंसी-खुशी के माहौल में बीता। इस तरह, रामू ने साबित कर दिया कि कभी-कभी अजीब आइडिया ...